समय भले ही बदल गया,
पर यादें नहीं जाती।
हर मोड़ पर मिलती है,
बीते समय की झलक टकराती।
पुराने क्वार्टर की गलियों में,
अब भी गूंजती हैं बचपन की बातें।
टूटी-फूटी दीवारों पर,
लिखी हैं यादों की सौगातें।
सुदेश