प्रकृति की गोद में बसा पतरातु अपने आप में एक बड़ा पर्यटन स्थल है। यहां का पलानी झरना अपनी खूबसूरती की अप्रतिम छटा बिखेर, लोगों को आकर्षित करता है। इसमें लगभग 150 फीट पहाड़ से पानी नीचे गिर रहा है जिसे देख कर लोगों को काफी आनंद आता है। झरने की कल-कल, छल-छल करती आवाजें दूर से ही लोगों को सुनाई देने लगती हैं जो लोगों का मन मोह लेती है।
पतरातू के तालाटांड पंचायत के पलानी गांव में स्थित पलानी जलप्रपात का मूल नाम फुलवार कोचा है। झरने तक जाने के लिए लोगों को पैदल ही काफी मशक्कत करनी पड़ती है पर पहाड़ों को चीरता हुआ झरना लोगों का मन मोह लेता है। पलानी झरना पतरातु लेक रिजॉर्ट से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है।
पलानी जलप्रपात की खूबसूरती का पूरा आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा समय मॉनसून और उसके बाद का महीना है, यानी जुलाई से लेकर फरवरी तक। इस दौरान झरने में भरपूर पानी होता है और आसपास का प्राकृतिक दृश्य भी बेहद मनमोहक होता है। ठंड के मौसम में यहां पिकनिक मनाने वालों की भीड़ भी बढ़ जाती है, क्योंकि मौसम सुहावना रहता है और जंगल-पहाड़ की हरियाली और झरने की कल-कल सबको आकर्षित करती है।
- सुदेश कुमार
नोट: पलानी नाम से एक और झरना है जो कुल्लू (हिमाचल) में स्थित है। यह पर्यटकों के बीच तुलनात्मक रूप से अधिक लोकप्रिय है।